22/08/15

डीऑक्सीराइबोन्यूक्लिक अम्ल DNA


डीऑक्सीराइबोन्यूक्लिक अम्ल DNA
डीएनए जीवित कोशिकाओं के गुणसूत्रों में पाए जाने वाले तंतुनुमा अणु को डी-ऑक्सीराइबोन्यूक्लिक अम्ल या डीएनए कहते हैं, और यह प्रत्येक जीवित कोशिका के लिए अनिवार्य है। इसमें अनुवांशिक कूट निबद्ध रहता है। 
DNA (डीएनए) अणु की संरचना घुमावदार सीढ़ी की तरह होती है।

डीएनए आमतौर पर क्रोमोसोम के रूप में होता है। 
डीएनए के रूपचित्र की खोज अंग्रेज वैज्ञानिक जेम्स वॉटसन और फ्रान्सिस क्रिक के द्वारा सन १९५३ में की गयी थी। इस खोज के लिए उन्हें सन् १९६२ में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

प्रतिकृति


कोशिका विभाजन एक जीव विकसित करने के लिए आवश्यक हैलेकिन जब एक सेल कोशिका विभाजित होती है, तो विभाजन के फलस्वरूप उत्पन्न दोनों कोशिकाओं के जीनोम में मूल कोशिका के डीएनए की हूबहू प्रतिकृति बननी चाहिए।इस तरह नई कोशिका के डीएनए गुणसूत्र अपनी जनक कोशिका के गुणसूत्र की हूबहू प्रतिकृति होते हैं।

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से

अधिक जानकारी: डीएनए प्रतिकृति

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