40 वर्ष की एक महिला पिछले एक साल से एड़ियों में दर्द की शिकायत कर रही थी। सुबह उठने के साथ ही उसे एड़ियों के बीच वाले हिस्से में तेज दर्द महसूस होता था। लंबे समय तक खड़े रहने या बैठकर फिर चलने के दौरान उसका दर्द फिर से लौट आता था। पेनकिलर उसका दर्द कम कर देते, लेकिन फिर शुरू हो जाता था। अंततः एंकल एवं फुट सर्जन को दिखाया। जांच की, तो पाया कि महिला के पैर धनुषाकार हो गए हैं और उसकी पिंडली की मांसपेशियां भी सख्त हो गई हैं। यही उसकी एड़ियों में दर्द का प्रमुख कारण था। डाॅक्टर ने पाया कि उसे प्लांटर फेशिआइटिस की समस्या है।
प्लांटर फेशिआइटिस
सुबह जब उठने के बाद कुछ कदम चलते ही एड़ियों में तेज दर्द महसूस होता है, तो यह प्लांटर फेशिआइटिस हो सकता है। यही इस बीमारी के लक्षण भी हैं। दर्द इतना भीषण होता है कि पीड़ित पैर जमीन पर नहीं रख पाता है। पैर रगड़कर चलता है। इसमें तलवे धनुषाकार हो जाते हैं।
प्लांटर फेशिआइटिस एड़ियों के दर्द का सबसे सामान्य कारण माना जाता है। प्लांटर फेशिया ऊतकों का सपाट जोड़ है, जो कि एड़ियों की हड्डियों को हमारे पैर के अंगूठों से जोड़ता है। यह हमारे पैर के आर्च को सहारा देता है। जब हम इस पर दबाव डालते हैं तो यह प्लांटर फेशिया कमजोर हो जाता है, उसमें सूजन आ जाती और खड़े होने या चलने के दौरान एड़ियों में तेज दर्द महसूस होता है।
महिला की एड़ी के उच्च आर्च टिशूज पर प्लांटर फेशिआइटिस के कारण लगातार दबाव पड़ रहा था और यह दबाव उसके चलने के साथ ही बढ़ जाता था। इसके बाद मरीज को प्लांटर फेशिआइटिस और पिंडली के लिए स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज करने की सलाह दी। एक हफ्ते बाद वह महिला काफी खुश और संतुष्ट होकर लौटी। अगले 13-14 दिनों तक उसके पैरों में कोई दर्द नहीं था, और एक महीने के अंदर वह महिला पूरी तरह से दर्द से मुक्त हो गई। सबसे अच्छी बात यह है कि अब उसे कोई दर्द निवारक या किसी अन्य प्रकार की दवाएं लेने की जरूरत नहीं पड़ती। वैसे, प्लांटर फेशिआइटिस होने के कारणों का पता लगाने से ज्यादा जरूरी है इस समस्या का पता लगाना।
क्या है प्लांटर फेशिआइटिस: प्लांटर फेशिया पैरों के निचले हिस्से के मोटे टिशूज या ऊतक होते हैं। यह एड़ी की हड्डी को पैरों के अंगूठे से जोड़ते हैं और ये पैरों का आर्च बनाते हैं। जब इन टिशूज में सूजन हो जाती है, तो इसे प्लांटर फेशिआइटिस कहा जाता है। आमतौर पर, सुबह उठने पर कुछ कदम चलने और किसी भी प्रकार की खेल गतिविधि के दौरान यह अधिक पीड़ादायक होता है। इसलिए यह समस्या धावकों और नर्तकियों में आम होती है। साथ ही, जिन लोगों के पैर अत्यधिक चपटे होते हैं या उनके आर्च काफी अधिक होते हैं तो उनमें प्लांटर फेशिआइटिस होने का खतरा अधिक रहता है।
क्या होते हैं कारण और लक्षण:
शारीरिक बनावट प्लांटर फेशिआइटिस का कारण बनती है। इसके अंतर्गत शामिल हैं-
- पैर के अंगूठे की बनावट सही न होने और कमजाेर होने पर।
- पैर की आंतरिक मांसपेशियां कमजोर हों।
- काफ की मसल्स सख्त, छोटे होने पर
- सख्त प्लांटर फेशिया
- दौड़ने/नृत्य करने आदि जैसी गतिविधियों से अत्यधिक दबाव पड़ने से।
- कुछ ऐसे कार्य, जिनमें पैरों का उपयोग ज्यादा करना होता है। जैसे फैक्ट्री में काम करने वाले, शिक्षक, ट्रैफिक पुलिस
- चलने और दौड़ने का गलत तरीका।
प्लांटर फेशिआइटिस के सामान्य लक्षणः
- चुभता हुआ या तेज दर्द और एड़ियों के निचले हिस्से में कड़ापन। कुछ लोगों को पैरों के बीच में दर्द का अनुभव होता है।
- प्लांटर फेशिआइटिस केवल एक पैर को प्रभावित करता है, लेकिन कभी-कभार यह दोनों पैर भी प्रभावित कर सकता है।
- सामान्य तौर पर दर्द सुबह उठने के साथ कुछ कदम चलने पर अधिक तेज होता है।
- सीढ़ियां चढ़ते समय या किसी प्रकार की खेल गतिविधि करते समय भी दर्द होता है।
इलाज क्या है :
स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज प्लांटर फेशिआइटिस का सबसे बेहतर इलाज है। इससे, जब तक शुरुआती सूजन खत्म नहीं हो जाती है, तब तक यह पैर पर पड़ने वाले दबाव को रोकने में मदद करती है। लक्षणों से राहत पाने के लिए आप दिन में कई बार सूजन वाले स्थान पर 20-30 मिनट तक बर्फ की सिंकाई भी कर सकते हैं। स्नायुजाल और प्लांटर फेशिया उपचार का मुख्य आधार होते हैं और ये दर्द को दोबारा उभरने की आशंका को भी कम करते हैं। हील पैड्स दर्द से राहत पाने और सूजन को कम करने के लिए आवश्यक हो सकते हैं। फिर भी राहत नहीं मिलती है तो एंकल एंड फुट के डाॅक्टर से सलाह लें। इसमें सर्जरी की जरूरत कम ही होती है।
फैक्ट : प्लांटर फेशिआइटिस की समस्या 40-60 साल के पुरुष और महिलाओं को अधिक प्रभावित करती है। यह महिलाओं में ज्यादा होता है।
डॉ. प्रदीप मूणोत
आर्थोपेडिक सर्जन, स्पेशियालाइजिंग नी, फुट एंड ऐंकल सर्जरी, ब्रीच कैन्डी हाॅस्पिटल ट्रस्ट, मुंबई
http://www.bhaskar.com/news/ABH-knowledge-bhaskar-news-hindi-5412038-NOR.html
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