24/02/15

भारतीय परिवार





वर्तमान समय में भारतीय परिवार विभिन्न प्रदेशों में रहते हुए भी एक जैसी समस्या से ग्रस्त हैं। मानव जीवन की तीन मूलभूत  आवश्यकताएं हैं भोजन, वस्त्र और आवास। पौष्टिक भोजन, स्वच्छ वस्त्र तथा साफ-सुथरा आवास मानव की कार्यक्षमता एवं जीवन को सुचारू रूप से सक्रिय रखने के लिए न्यूनतम एवं वाँछनीय आवश्यकताऐं हैं ।
वर्तमान युग यांत्रिक/मशीनीकरण का युग है। औद्यौगीकरण के जितने भी आयाम है, सब यंत्रों-मशीन पर निर्भर हैं, लेकिन इन यंत्रों-मशीनों की कार्यक्षमता को बनाये रखने अथवा अनुकूल दशाओं के विकास के लिए श्रमिकों के शरीर को पर्याप्त मात्रा में संतुलित एवं पौष्टिक आहार, पहनने के लिए वस्त्र और प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षित रखने के लिए स्वस्छ आवास की उपलब्धि नितान्त आवश्यक है। लेकिन अपूर्व औद्यौगिक प्रगति के बाद भी आज श्रमिकों के आहार, वस्त्रों एवं आवास की व्यवस्था अच्छी नहीं है। उन्हें गंदी बस्तियों में ही रहना पड़ता है। आहार के लिए निम्न स्तर की सुविधाऐं हैं, तथा चिकित्सा के हालात और भी निकृष्ट हैं।
वर्तमान युग में गंदी बस्तियाँ एक समस्या बन गई हैं। इसी कारण विद्वानों ने नगरों को जीवन और समस्याओं का विशिष्ट केंद्रसंज्ञक किया है ।