07/09/15

ब्यूबोनिक प्लेग Bubonic Plague


ब्यूबोनिक प्लेग Bubonic Plague 
अमरीकी रोग नियंत्रण केन्द्र (CDC Centers for Disease Control) पश्चिमी अमरीका में प्लेग प्रकरणों और प्लेग से हुई मौतों पर पूरी नजर रख रहे है।
प्लेग से समस्त संसार में लाखों लोग असमय काल कवलित हुए हैं, और सभ्यताओं का सर्वनाश हुआ है। एक बार फिर इस घृणित बीमारी ने अपना सर उठाया है, इस बार अमरीका में। तत्कालीन रूप से बारह लोगों में इस बीमारी का पता चला है, जिनमें से चार मृत्यु को प्राप्त हुए हैं। इनमें से एक सिर्फ सोलह बरस का किशोर था।
  ऐरिज़ोना, कॅलिफोर्निया, कोलोराडो, जॉर्जिया, न्यू मेक्सिको तथा ओरेगॉन प्राँतो में प्लेग के प्रकरण प्राप्त हुए हैं।

फ्लीया या पिस्सूआमतौर पर, संपूर्ण अमरीका में प्रति वर्ष औसतन सात प्रकरण प्रति वर्ष दर्ज किए जाते हैं, जो कि कुख्यात येरसीनिया पेस्टिस रोगाणु (Yersinia pestis) के होते हैं और पिस्सू द्वारा फैलते हैं। इस वर्ष के अप्रेल माह से अब तक बारह रोगी सामने आ चुके हैं, और गत सप्ताहांत तक चार की मौत हो चुकी है। यह बैक्टीरिया समस्त विश्व में कृंतक (Rodent) चूहा गिलहरी आदि कतरने वाले जानवर से संबंध रखता है। लेकिन किन्हीं कारणों से यह कभी कभी उन पिस्सुओं तक प्रवास कर लेते है, जो मनुष्य के रक्त का भी आस्वादन करते हैं।

सौभाग्य से यह पिस्सू 15-20C तथा 90-95 प्रतिशत आद्रता पसन्द करते हैं। फलस्वरूप, येरसीनिया पेस्टिस रोगाणु विश्व में छितरे हुए क्षेत्रों में ही पाया जाता है। अमरीकी केन्द्रीय रोग नियंत्रक संस्था द्वारा, कठोर नियंत्रण और सहायता में वृद्धि की गई है। क्योंकि उपचार और सहायता के अभाव में इस वायरस द्वारा संक्रमित मनुष्यों में से 93 प्रतिशत की मृत्यु हो जाती है। उच्च मृतक संख्या इसकी भयानकता सिद्ध करती है, कि इबोला वायरस भी बौना दिखाई पड़ता है। किंतु समय पर उपचार व आधुनिक एण्टीबायोटिक की मदद से यह संख्या 16 प्रतिशत तक कम हो जाती है।

प्लेग की महामारी के प्रथम लिखित प्रमाण छठी से आठवीं शताब्दी ईस्वी में प्राप्त हुए हैं। अनुमान के अनुसार तब पाँच करोड़ लोगों की मृत्यु हो गई थी।
दूसरी बार यह महामारी चौदहवीं शताब्दी में फैली, जिसने इसे काली मौत का नाम दिया। इससे लगभग आधे यूरोप का सफाया हो गया-पचहत्तर करोड़ लोग मारे गए।
तीसरी दफा इस महामारी ने उन्नीसवीं शताब्दी में चीन और भारत में अपने पैर फैलाये और बारह करोड़ लोग काल कवलित हुए।
ब्यूबोनिक प्लेगमहामारी के दौरान प्लेग तीन रूप मे सामने आता है। 
ब्यूबोनिक (Bubonic),  
सेप्टिकेमिक (Septicaemic) और 
न्यूमोनिक (Pneumonic) ।
समस्त विश्व में फैलने वाली इस महामारी का सर्वसामान्य कारण है- पिस्सुओं से मनुष्यों का अस्वाभाविक संपर्क। 
मृत चूहों, गिलहरी आदि को स्पर्श न करें।
http://www.news.com.au/lifestyle/health/cdc-monitoring-upswing-in-number-of-bubonic-plague-cases-deaths/story-fneuzlbd-1227507250827

आस्ट्रेलिया
ईस्वी सन् 1900 से 1925 के बीच आस्ट्रेलिया में प्लेग का हमला हुआ था। लगभग 1400 प्रकरणों में से 535 लोगों की मृत्यु हुई थी। 
तब से वर्तमान तक यह बीमारी आस्ट्रेलिया में नहीं उभरी।
http://www.news.com.au/lifestyle/health/cdc-monitoring-upswing-in-number-of-bubonic-plague-cases-deaths/story-fneuzlbd-1227507250827
मेडागास्कर प्लेग
6 सितम्बर 2015
मेडागास्कर के शासकीय स्वास्थ्य विभाग ने विश्व स्वास्थ्य संगठन को वहाँ फैले प्लेग की सूचना दी है। प्रथम मरीज मोरमंगा में 19 अगस्त को प्लेग से मारा गया। 30 अगस्त तक 14 और मरीजों, जिनमें दस की मृत्यु हो गई है, की खबर दी है। सभी न्यूमोनिक प्लेग द्वारा संक्रमित पाए गये हैं।
बाँबे प्लेग (मुँबई) की महामारी
कारणः ईस्वी सन् 1891 के जनगणना आँकड़ों के अनुसार 8,20,000 मनुष्यों के लिये, मुँबई का असामान्य और तीव्र व्यापारिक फैलाव, श्रमिकों व उनके परिवारों के आकर्षण का कारण बना। 
सन् 1900 में प्लेग से मृत रोगियों की संख्या 22 प्रति हजार थी, जो अन्य बुखारजनित बीमारियों से मृत रोगियों के बराबर थी। जबकि इसी वर्ष टीबी तथा हैजे (कॉलरा) से मृत रोगियों का प्रतिशत क्रमशः 12 तथा 14 प्रति हजार था। प्लेग का इतना भय इसकी संक्रामकता के कारण है। आमतौर पर अन्य बीमारियाँ इससे ज्यादा प्राण हर लेती है।
भारत में 1994 का प्लेग
विकिपीडिया
1994 में कुल 693 न्यूमोनिक अथवा ब्यूबोनिक प्लेग संक्रमण के संदिग्ध प्रकरण की सूचना भारतीय सरकार के द्वारा विश्व स्वास्थ्य संगठन को भेजी गई।
विकीपीडिया से साभार।
Godshen Robert Pallipparambil

विभिन्न बीमारियों का तुलनात्मक विवरण
1994 के सूरत प्लेग प्रकोप के पश्चात, भारत ने भविष्य में इस तरह के प्रकोपों का सामना करने हेतु त्वरित रूप से कदम उठाये। महामारी का सामना करने के लिये, मेडिकल स्कूलों के पाठ्यक्रमों में जरूरी बदलाव किए गए। संक्रमण के सटीक आंकलन हेतू राष्ट्रीय अनुसंधान केन्द्रों को आधुनिक स्वरूप में लाया गया। देश भर में प्लेग नियंत्रक केन्द्रों के साथ एक अत्याधुनिक राष्ट्रीय निरीक्षण तंत्र की स्थापना की गई। फलस्वरूप 2002 के हिमाचल प्रदेश न्यूमोनिक प्लेग संक्रमण, को त्वरित सक्षम कुशलता द्वारा काबू मे कर लिया गया। शासन द्वारा तेजी से रक्षात्मक कदम उठाकर संक्रमण का दमन कर दिया गया जिससे अनावश्यक घबराहट और भगदड़ नहीं फैली।
http://entomology.montana.edu/historybug/YersiniaEssays/Godshen.htm
विभिन्न बीमारियों का तुलनात्मक विवरण

नए अध्ययनः
https://phys.org/news/2018-12-ancient-strain-plague-decline-neolithic.html https://medicalxpress.com/news/2018-12-approach-plague.html
एक मनुष्य की जीविका हेतुकितनी खेतीयोग्य भूमि आवश्यक है? इसे जानने के पश्चात हम उपलब्ध खेती की भूमि से जनसंख्या विवरण प्राप्त कर सकते हैं।
हमने पाया कि 62 मिलियन या 6 करोड़ 20 लाख हेक्टेयर भूमि, 10% अमरीकी भूक्षेत्र पर खेती की जा रही थी जब कोलम्बस ने अमरीका की खोज की थी।
तुलना के लिए, उस कालखण्ड में तत्कालीन यूरोप में 23% तथा चीन में 20% भूक्षेत्र मानव उपयोग में था।
यह स्थिती उन दशकों के पश्चात परिवर्तित हो गई थी जब हिस्पानिओला द्वीप, वर्तमान हैती तथा डोमिनिकन रिपब्लिक तथा मख्य भूमि 1517 में।  में यूरोपीय लोगों के प्रथम पदार्पण 1497 में हुआ था।
यूरोपीय साथ में चेचक-मीसल्स, शीतला, बड़ी-माता-स्मॉलपॉक्स, श्लैष्मिक बुखार-इंन्फ्लूऐंजा तथा प्लेग-ब्यूबोनिक प्लेग अटलांटिक के पार लाए।
तत्कालीन आबादी के लिए इसका परिणाम विनाशकारी सिद्ध हुआ।
पेरू में इंका जाती के सीढ़ीनसदृश्य खेत।. Alessandro Vecchi/Shutterstock
हमारे नवीन अँकेक्षण का सर्वथा सटीक आकलन, वर्ष 1600 के आरम्भ में पूर्व कोलम्बियन  5 करोड़ 60 लाख मूल निवासी मानव जीवन की क्षती है। यह तत्कालीन वैश्विक मानव आबादी का लगभग 10 % प्रतिशत है। यह क्षती उस महामृत्यु अंतराल को विशालतम वैश्विक मानव मृत्यु की संज्ञा प्रदान करते हैं। यह द्वितीय विश्व युद्ध की मानव क्षती के बाद ठीक दूसरी सर्वाधिक विशाल क्षती है, जिसमें आठ करोड़ वैश्विक मानव क्षती देखी गई, लगभग 3 प्रतिशत तत्कालीन मानव संख्या।    
अमरीका की खोज के पश्चात 90% मृत्यु दर अचंभित करती है और लाँघती है यूरोप की काला बुखार सहित सभी महामारियों को, जिसमें तत्कालीन यूरोप की 30 प्रतिशत आबादी कालकवलित हुई थी। इसके एक आकलन/वर्णन अनुसार बहुविध-मल्टिपल महामारियों के आक्रमण से मूल निवासियों का प्रतिरोधक तंत्र नष्ट हो गया जो गत 1300 वर्षों में यूरोप-एशिया तथा अफ्रीकी मानवों से पृथकत्व में विकसित हुआ था।
तत्कालीन अमरीकी मूल निवासी शेष वैश्विक आबादी व संचारित रोगाणुओं, जो विदेशी प्रवासी अपने साथ लाए थे, से लेश मात्र भी संपर्क में नहीं थे। यह एक उर्वरा भूमि पर नए बीजारोपण की तरह था। मूल निवासी जो चेचक से बच गए वे इंन्फ्लूऐंजा की अगली लहर की चपेट में  आ गए। जो जीववित बचे वे खसरे , गृहयुद्ध, भुखमरी, अकाल व क्रूरता के चलते असमय मृत्यु को प्राप्त हुए।
https://theconversation.com/european-colonisation-of-the-americas-killed-10-of-world-population-and-caused-global-cooling-110549
 

Suspected Bubonic Plague Case Reported in China’s Inner Mongolia

5 July 2020, 18:34 GMT+5:30A hospital in northern China’s Inner Mongolia reported one suspected case of bubonic plague on Saturday, according to a statement on the local health commission’s website.

A third-level warning alert was issued on Sunday; the warning period will extend to the end of this year.

The Bayannaoer health commission warned of the risks of human-to-human infection from the plague and urged people in the city to take precautions.

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— With assistance by Charlie Zhu

https://www.bloomberg.com/news/articles/2020-07-05/china-s-inner-mongolia-reports-suspected-case-of-bubonic-plague?utm_medium=social&utm_source=twitter&utm_content=business&utm_campaign=socialflow-organic&cmpid=socialflow-twitter-business

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