मेडिकलहेल्पइंडिया.इन
में आपका स्वागत है।
किसी
भी राष्ट्र की सार्वभौमिकता
एवं सर्वांगीण उन्नती से उसके नागरिकों के स्वास्थ्य का प्राथमिक व सीधा सम्बंध है।
जब हम औद्यौगिक ओर वाणिज्यिक तरक्की की बात करते हैं तो नागरिक स्वास्थ्य सर्वोपरि
है। कृषि एवं औद्यौगिक कौशल एवं उत्पादन, मानव की कार्य क्षमता व उनके स्वास्थ्य पर ही
निर्भर होती है।
दुःखद
रूप से रूग्णता के फलस्वरूप होने वाला नुकसान बहुत बड़ा है। स्वास्थ्य सेवाओं से व्यक्तिगत
एवं राज्य पर आर्थिक भार भी बढ़ता है। स्वास्थ्य की कमजोर स्थिति के विभिन्न कारण हैं-गंदगी
भरा वातावरण और उससे उपजा संक्रमण, उचित
आहार की कमी से रोग प्रतिरोधक क्षमता का कमजोर होना,
पीने योग्य पानी का अभाव, और सबसे बड़ा कारण है अच्छी स्वास्थ्य सेवाओं की अभाव।
यह सब कारण हमारी
तरक्की की राह में खड़े अवरोधक तत्व हैं।
(यह उद्धरण
हमारी प्रथम पंचवर्षीय योजना से लिया गया है जो एक सीमा तक आज भी सत्य हैं।)
(अतिथि सम्पादकीयः राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य अभियान)
Health is fundamental to national progress in any sphere. In terms of resources for economic development, nothing can be considered of higher importance than the health of the people. For the efficiency of industry and agriculture, the health of the worker is an essential consideration. However the loss caused by morbidity is enormous. To this must be added the expenditure to the individual and the State in the provision of medical care. The causes of this low state of health are many, including lack of a hygienic environment conducive to healthful living, low resistance to infections primarily due to poor nutrition, lack of safe water supply and proper removal of human wastes, and most important, the lack of appropriate health care. These are serious impediments to progress.
(This is a quote from the chapter on Health in the First five-year plan document which remains true to this day.)
(Guest Editorial National Rural Health Mission)
सहायता
या ज्ञान !
जनसामान्य के उपयोग में आने योग्य तकनीकी जानकारी का सामान्य भाषा में सर्वथा अभाव है। नित नयी ऊँचाईयों को लाँघता हुआ तकनीकी ज्ञान, मानव को
असीमित सामर्थ्य प्रदान कर रहा है। चिकित्सा एवं औषधि विज्ञान में नए प्रयोगों और मशीनों
के नित नए आविष्कारों से हम मानवजीवन को दीर्घ एवं सुखमय बना रहे हैं।
संचार क्राँति के बीच भी समस्त विश्व की 80% मानव सभ्यता
यदि इस ज्ञान से अछूती है, और जानकारी के अभाव
में अधिकाँश लोग अपने प्राण असमय ही गवाँ देते है, तो यह एक
चिंताजनक स्थिति है। स्वास्थ्य से संबंधित सभी सामान्य जानकारी ऐसी भाषा में उपलब्ध
है,
जो
वर्तमान में भी अभिजात्य वर्ग की भाषा है।
इस त्रुटी को दूर करने का यह एक छोटा सा प्रयास है। जो
ज्ञान इस संसार में उपलब्ध है उसे सर्वसामान्य के उपयोग के लिए सरल भाषा में लिपिबद्ध
और दृश्य चित्रों की सहायता से उपलब्ध कराना ही होगा।
भारतवर्ष के 125 करोड़ मनुष्यों को भविष्य, सारे संसार
के साथ चलने के लिए बुला रहा है। हम समस्त संसार के साथ परमाणु ऊर्जा तथा अंतरिक्ष
अनुसंधान में प्रगतिशील हैं। हमारे जनसामान्य तक सामान्य भाषा में तकनीकि जानकारी
की उपलब्धता,
हमारे
ज्ञान और आत्मविश्वास में वृ़द्धी करेगी।
सर्वे
भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामया। सर्वे
भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चित् दुःखभाग् भवेत।।
सभी सुखी होवें, सभी रोगमुक्त
रहें,
सभी
मंगलमय घटनाओं के साक्षी बनें और किसी को भी दुःख का भागी न बनना पड़े।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा स्वयं और अपने मंत्रिमंडलीय
सहयोगियों,
भाजपा
कार्यकर्ताओं और लाखों सरकारी कर्मचारियों के साथ झाड़ू उठा लेने के साथ, स्वच्छ भारत
के अभियान में एक ऊर्जावान शुरूआत का श्रीगणेश हो गया।
भारत में सार्क देशों के स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ अपनी
पाँचवीं बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आधुनिक चिकित्सा विज्ञान और स्वास्थ्य
देखभाल के क्षेत्र में सर्वोत्तम प्रथाओं के आदान-प्रदान और दृष्टि की आवश्यकता पर
बल दिया। मोदी ने इस संबंध में जमीनी स्तर पर किए जा रहे अनुसंधान के स्थानों के लिए
एक संयुक्त यात्रा का सुझाव दिया।
अपनी बैठक के दौरान, विचार-विमर्श
के साथ पूरे सार्क क्षेत्र को पोलियो मुक्त बनाने के लिए, क्षेत्र
के लोगों के जीवन को बदलने के लिए एक बहु-क्षेत्रीय दृष्टिकोण के साथ, स्वास्थ्य
और शिक्षा के क्षेत्र पर ध्यान देने की आवश्यकता पर जोर दिया।
संयुक्त राष्ट्र द्वारा
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में जून 21 की गोद लेने
की दिशा में मोदी की पहल की प्रशंसा की। रोग निवारक स्वास्थ्य सेवा हेतु योग प्रभावी
साधन सिद्ध होगा।
मेडिकलहेल्पइंडिया.इन
में आपका स्वागत है।
किसी
भी राष्ट्र की सार्वभौमिकता
एवं सर्वांगीण उन्नती से उसके नागरिकों के स्वास्थ्य का प्राथमिक व सीधा सम्बंध है।
जब हम औद्यौगिक ओर वाणिज्यिक तरक्की की बात करते हैं तो नागरिक स्वास्थ्य सर्वोपरि
है। कृषि एवं औद्यौगिक कौशल एवं उत्पादन, मानव की कार्य क्षमता व उनके स्वास्थ्य पर ही
निर्भर होती है।
दुःखद
रूप से रूग्णता के फलस्वरूप होने वाला नुकसान बहुत बड़ा है। स्वास्थ्य सेवाओं से व्यक्तिगत
एवं राज्य पर आर्थिक भार भी बढ़ता है। स्वास्थ्य की कमजोर स्थिति के विभिन्न कारण हैं-गंदगी
भरा वातावरण और उससे उपजा संक्रमण, उचित
आहार की कमी से रोग प्रतिरोधक क्षमता का कमजोर होना,
पीने योग्य पानी का अभाव, और सबसे बड़ा कारण है अच्छी स्वास्थ्य सेवाओं की अभाव।
यह सब कारण हमारी तरक्की की राह में खड़े अवरोधक तत्व हैं।
यह सब कारण हमारी तरक्की की राह में खड़े अवरोधक तत्व हैं।
(यह उद्धरण
हमारी प्रथम पंचवर्षीय योजना से लिया गया है जो एक सीमा तक आज भी सत्य हैं।)
(अतिथि सम्पादकीयः राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य अभियान)
(This is a quote from the chapter on Health in the First five-year plan document which remains true to this day.)
(Guest Editorial National Rural Health Mission)
Health is fundamental to national progress in any sphere. In terms of resources for economic development, nothing can be considered of higher importance than the health of the people. For the efficiency of industry and agriculture, the health of the worker is an essential consideration. However the loss caused by morbidity is enormous. To this must be added the expenditure to the individual and the State in the provision of medical care. The causes of this low state of health are many, including lack of a hygienic environment conducive to healthful living, low resistance to infections primarily due to poor nutrition, lack of safe water supply and proper removal of human wastes, and most important, the lack of appropriate health care. These are serious impediments to progress.
(This is a quote from the chapter on Health in the First five-year plan document which remains true to this day.)
(Guest Editorial National Rural Health Mission)
सहायता
या ज्ञान !
जनसामान्य के उपयोग में आने योग्य तकनीकी जानकारी का सामान्य भाषा में सर्वथा अभाव है। नित नयी ऊँचाईयों को लाँघता हुआ तकनीकी ज्ञान, मानव को
असीमित सामर्थ्य प्रदान कर रहा है। चिकित्सा एवं औषधि विज्ञान में नए प्रयोगों और मशीनों
के नित नए आविष्कारों से हम मानवजीवन को दीर्घ एवं सुखमय बना रहे हैं।
संचार क्राँति के बीच भी समस्त विश्व की 80% मानव सभ्यता
यदि इस ज्ञान से अछूती है, और जानकारी के अभाव
में अधिकाँश लोग अपने प्राण असमय ही गवाँ देते है, तो यह एक
चिंताजनक स्थिति है। स्वास्थ्य से संबंधित सभी सामान्य जानकारी ऐसी भाषा में उपलब्ध
है,
जो
वर्तमान में भी अभिजात्य वर्ग की भाषा है।
इस त्रुटी को दूर करने का यह एक छोटा सा प्रयास है। जो
ज्ञान इस संसार में उपलब्ध है उसे सर्वसामान्य के उपयोग के लिए सरल भाषा में लिपिबद्ध
और दृश्य चित्रों की सहायता से उपलब्ध कराना ही होगा।
भारतवर्ष के 125 करोड़ मनुष्यों को भविष्य, सारे संसार
के साथ चलने के लिए बुला रहा है। हम समस्त संसार के साथ परमाणु ऊर्जा तथा अंतरिक्ष
अनुसंधान में प्रगतिशील हैं। हमारे जनसामान्य तक सामान्य भाषा में तकनीकि जानकारी
की उपलब्धता,
हमारे
ज्ञान और आत्मविश्वास में वृ़द्धी करेगी।
सर्वे
भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामया। सर्वे
भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चित् दुःखभाग् भवेत।।
सभी सुखी होवें, सभी रोगमुक्त
रहें,
सभी
मंगलमय घटनाओं के साक्षी बनें और किसी को भी दुःख का भागी न बनना पड़े।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा स्वयं और अपने मंत्रिमंडलीय
सहयोगियों,
भाजपा
कार्यकर्ताओं और लाखों सरकारी कर्मचारियों के साथ झाड़ू उठा लेने के साथ, स्वच्छ भारत
के अभियान में एक ऊर्जावान शुरूआत का श्रीगणेश हो गया।
भारत में सार्क देशों के स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ अपनी
पाँचवीं बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आधुनिक चिकित्सा विज्ञान और स्वास्थ्य
देखभाल के क्षेत्र में सर्वोत्तम प्रथाओं के आदान-प्रदान और दृष्टि की आवश्यकता पर
बल दिया। मोदी ने इस संबंध में जमीनी स्तर पर किए जा रहे अनुसंधान के स्थानों के लिए
एक संयुक्त यात्रा का सुझाव दिया।
अपनी बैठक के दौरान, विचार-विमर्श
के साथ पूरे सार्क क्षेत्र को पोलियो मुक्त बनाने के लिए, क्षेत्र
के लोगों के जीवन को बदलने के लिए एक बहु-क्षेत्रीय दृष्टिकोण के साथ, स्वास्थ्य
और शिक्षा के क्षेत्र पर ध्यान देने की आवश्यकता पर जोर दिया।
संयुक्त राष्ट्र द्वारा अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में जून 21 की गोद लेने की दिशा में मोदी की पहल की प्रशंसा की। रोग निवारक स्वास्थ्य सेवा हेतु योग प्रभावी साधन सिद्ध होगा।
संयुक्त राष्ट्र द्वारा अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में जून 21 की गोद लेने की दिशा में मोदी की पहल की प्रशंसा की। रोग निवारक स्वास्थ्य सेवा हेतु योग प्रभावी साधन सिद्ध होगा।