14/11/19

विष और जहर

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ज्यादातर लोग विष और जहर को एक ही मानते हैं किंतु दोनों में बहुत अंतर है क्योंकि यह दोनों अलग-अलग तरीके से अपना कार्य करते हैं।
विष- विष जीव-जंतुओं सांप आदि में पाया जाता है।
विष का प्रभाव- विष अपना प्रभाव तब दिखाता है जब यह किसी जीव के रक्त में मिश्रित हो जाता है यदि सांप के विष को एक मनुष्य मुंह से खा लेता है और वह मनुष्य के पेट में चला जाता है तो खाना पचाने वाला एंजाइम विष को भी पचा लेता है शेष बचा हुआ कुछ अंश मल के साथ बाहर निकाल देता है विष रक्त में मिश्रित होकर सीधे जीव के हृदय तक पहुंचता है इसके बाद हृदय गति अनियंत्रित हो जाती है समय पर उपचार न मिल पाने के कारण मौत हो जाती है।
यहां पर एक बात बहुत महत्वपूर्ण है कि यदि मनुष्य धोखे से सांप के विष को निगल लेता है या निगलने का प्रयास करता है इस दौरान उसके मुंह में यदि छाले होते हैं या मसूड़ों से खून आ रहा होता है या आहार नाल में किसी भी तरह का कोई घाव होता है कुल मिलाकर यदि विष रक्त में मिश्रित हो जाता है तो मौत हो सकती है।
जहर- जहर सामान्यतः तब असर करता है जब कोई इंसान इसे सीधे निकल जाता है जैसे सल्फास, संखिया, चूहा मार आदि क्योंकि पेट में पाया जानें वाला एंजाइम जहर को नहीं पचा पाता जहर के सेवन से स्नायु, अंतः स्रावी, प्रतिरक्षा तंत्र, गुर्दे और श्वसन प्रणाली आदि पर बुरा असर पडता है समय पर इलाज न लेने से मृत्यु भी हो सकती है।
कुछ ऐसे भी जहर हैं जो मनुष्य के पेट में जाते ही गैस बना देते हैं और जब गैस रक्त में मिश्रित होती है तो खून का थक्का बन जाता है और थक्का बना खून धमनियों और शिराओं में सुचारू रूप से प्रवाहित नहीं हो पाता ऐसे में पूरे शरीर के अंगों को सही तरीके से ऑक्सीजन नहीं मिल पाती ऑक्सीजन की कमी के कारण मस्तिष्क भी काम करना बंद कर देता है।
यदि इस तरह का जहर पूर्ण रूप से पेट में घुल चुका है और गैस बन चुकी होती है तो रोगी का बचना लगभग असंभव हो जाता है।
निष्कर्ष -विष रक्त में मिश्रित होने के बाद कार्य करता है
जहर- पेट में घुल जानें के बाद काम करता है।
अगर गहराई से सोचा जाए तो विष और जहर दोनों ही एक हैं किंतु दोनों के कार्य करने और असर करने का तरीका अलग अलग है यहां तक कि सभी विषैले सांपों का विष भी एक तरह से काम नहीं करता कुछ सांपों के काटने से शरीर में खून का थक्का बन जाता है, तो कुछ सांपों के काटने से नाक से खून बहने लगता है, तो कुछ सांपों के काटने से मुंह से फसूकर आने लगता है, तो कुछ सांपों के काटने से मनुष्य का शरीर एकदम नीला पड़ जाता है वहीं कुछ सांपों के काटने से हृदय गति अनियंत्रित हो जाती है।

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