10/12/15

मस्से या वार्ट्ज़


मस्से या एक्ने (वॉर्ट्ज़)!

मस्से या एक्ने

स्सा (वार्ट) शरीर पर कहीं कहीं काले रंग का उभरा हुआ मांस का छोटा दाना होता है, जो चिकित्सा विज्ञान के अनुसार एक प्रकार का चर्मरोग माना जाता है। त्वचा पर पेपीलोमा वायरस के कारण छोटे खुरदरे कठोर गोल पिण्ड बन जाते हैं जिसे मस्सा कहते हैं। मस्से विषाणु संक्रमण से पैदा होते हैं।
मानव पेपिल्लोमावायरसनामक विषाणु की प्रजाति इसका कारण होती है।
मस्से शरीर पर कहीं भी हों खूबसूरती को कम कर देते हैं, विशेषकर चेहरे पर होने वाले मस्से।
यह सरसों अथवा मूँग के आकार से लेकर बेर तक के आकार का होता है। यह प्रायः हाथों और पैर पर होता है किन्तु शरीर के अन्य अँगों पर भी हो सकता है। 
लगभग दस प्रकार के मस्से होते हैं।
मस्से संक्रमण (छुआछूत) से हो सकते हैं और शरीर में वहाँ प्रवेश करते हैं जहाँ त्वचा कटी-फटी हो।
मस्से कुछ माह में स्वयं समाप्त हो जाते हैं, किन्तु कभी-कभी वर्षों तक बने रह सकते हैं या पुनः हो सकते हैं।
शरीर पर अनचाहे मस्सों के उग जाने से मन से बार बार यही आवाज आती है कि इन मस्सों से छुटकारा कैसे पाया जा सकता है।
पेपिल्लोमावायरस एचपीवी

पेपिल्लोमावायरस Papilloma Virus  या एचपीवी (HPV)


मस्से, मसा अथवा गाँठ, त्वचा पर अवाँछित कोशिकाओ की वृद्धि है, जो कि एक विषाणु के कारण होती है। इस विषाणु को पेपिल्लोमावायरस  Papilloma Virus या एचपीवी (HPV) नाम दिया गया है। 
यह वायरस गर्भाशय-ग्रीवा कैंसर के लिए प्रमुख जोखिम कारक हैं। 

मस्सों का वर्गीकरण
प्लाँटर वार्ट्स-
जेनिटल वार्टस- विश्व के कई प्रदेशों में एचपीवी संक्रमण आमतौर पर एक सर्वाधिक फैलने वाला यौन रोग है। इसके एक विशेष प्रकार के विषाणु संक्रमण द्वारा सर्वाईकल कैंसर का घातक रोग होता है।
फ्लैट वार्टस- यह पैरों पर भी हो जाते हैं , विशेषकर स्त्रियों के

मस्सों का कारण विषाणु संक्रमण है। 
मस्सों के कारक विषाणु, संक्रमित व्यक्ति के शरीर के अन्य स्थानों पर भी फैल सकता है।
विकीपीडिया।

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